...

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poetry
नयना कितने गहरे है तेरे
ये कश्तियाँ है तेरी किनारे है तेरे


मैं तेरी इक निगाह से खिल उठता हूँ
कितने हसीन है हर मंजर तेरे

साबित करने की क्या जरूरत है
हम तो गुनेहगार है तेरे
आखिर तूने फांसी मुकर्रर कर दी मेरी
बड़े अहसास है तेरे

फिर भी आखिरी खवाहिश है मेरी
कि तुझे...