हंसी और आंसू
मेरी हंसी को तो जान गए...
मेरे आंसुओं को कभी जाना ही नहीं...
जब हंस रही थी...
तुम बुरा मान गए...
जब रोती थी...
तब तुम नाटक समझते थे...
दिल ही तो है ..
कल तुम्हारा पत्थर बना...
आज मेरा।
धरती गोल है...
नंबर सबका आता है...
किसी का पहले आता है...
किसी का बाद में....
अरे मैं वो लड़की थी...
जिसे बस प्यार की जरूरत थी...
लेकिन उसे तुमने प्यार भी किस्तों में दिया...
और जिसका भी हिसाब गड़बड़ किया....
तुम...
मेरे आंसुओं को कभी जाना ही नहीं...
जब हंस रही थी...
तुम बुरा मान गए...
जब रोती थी...
तब तुम नाटक समझते थे...
दिल ही तो है ..
कल तुम्हारा पत्थर बना...
आज मेरा।
धरती गोल है...
नंबर सबका आता है...
किसी का पहले आता है...
किसी का बाद में....
अरे मैं वो लड़की थी...
जिसे बस प्यार की जरूरत थी...
लेकिन उसे तुमने प्यार भी किस्तों में दिया...
और जिसका भी हिसाब गड़बड़ किया....
तुम...