...

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जग ढूँढे कृष्ण और कृष्ण की तलाश यहाँ अर्जुन हैं 🦚🕉
यहाँ बदला लेने का भाव सबके अंदर हैं,
बदलकर कौन दिखाएगा?
अपने दुःख का इल्जाम दुसरो पर सब लगाते हैं,
मैं स्वयं दोषी हूँ अपनी तकलीफ का,
ये कौन बताएगा?
समाज, सरकार भगवान जिम्मेवार हर गलतियों का कहकर नारे लगाते हैं,
एक परिवार को भी खुश रखने का जिम्मेवारी यहाँ कौन उठाएगा?
सब कहते हैं अधर्म चरम सीमा पर पहुँच चुकी हैं, कृष्ण कब आएँगे?
और कृष्ण की पुकार हैं मैं बेताब हूँ आने को लेकिन अर्जुन बन कौन दिखाएगा?? 🕉🦚#संतोषी