कहां ढूंढे मन का चैन
गांव का रहने वाला
सिधा साधा भोला भाला
चला शहर ढूंढने निवाला
बनके अपने मन मतवाला
शहर पहुंच सब आजमाया
रूतबा शोहरत सब कमाया
ठाठ बाठ से जिवन बिताया
मन ही मन वो मुस्कुराया
सबसे आगे वो निकल आया
शहर में उसको सब मिला
कहीं मन का चेन न मिला
मन ही मन अब वो पछताए
मन का चैन कहां वो पाए
...
सिधा साधा भोला भाला
चला शहर ढूंढने निवाला
बनके अपने मन मतवाला
शहर पहुंच सब आजमाया
रूतबा शोहरत सब कमाया
ठाठ बाठ से जिवन बिताया
मन ही मन वो मुस्कुराया
सबसे आगे वो निकल आया
शहर में उसको सब मिला
कहीं मन का चेन न मिला
मन ही मन अब वो पछताए
मन का चैन कहां वो पाए
...