...

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कविताएं...
कविताएं भी क्या खूब होती हैं...
दिल के जज़्बात शब्दों की माला में पिरोती हैं...

हृदय और काग़ज़ का अनूठा संगम,
स्याही कलम और लेखक का नाता मनोरम,

ये कविताएं ही तो है जो हमें खुद से रूबरू कराती हैं...
हमें अपनी क्षमताओं का एहसास दिलाती है...
कभी कभी चरित्र का वे हमारे आईना कहलाती हैं...

सत्य पथदर्शक... जीवन...