...

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सच्चा एहसास...
कभी सोचा नहीं की मोहब्बत इतनी हसीन होंगी।
मेहबूब से दूर रहकर भी दिल में याद बेकरार होंगी।
हाल कैसे बताये उन्हें दिल का वो कुछ कहते नहीं,
नजदीकियां इतनी है दरमियाँ उनसे क्या जुबां कहेंगी।

सुना सबको कैसे सवाल करके टूटा सा जहा मुझे लगा।
खुशियों के आने से पहले सबने दरवाजा जो बंद किया।
साथ सिर्फ वो थे जो आज भी मेरे हाथ थामे चल रहे,
कैसे दूर रहू उनसे जिन्होंने मुझे अपना बनकर रखा।।

© Niharik@ ki kalam se✍️