इक मुसाफिर हूँ मैं
अनजान रास्तों पर,
छाव की तलाश करती,
इक मुसाफिर हूँ मैं ।
अपने सपनों को हासिल करने का जज्बा लेकर
चलती जा रही हूँ मैं ,
कभी छाँव कभी धूप से गुजर कर ,
कांटो को फूल बना रही हूँ मैं,
हर गम...
छाव की तलाश करती,
इक मुसाफिर हूँ मैं ।
अपने सपनों को हासिल करने का जज्बा लेकर
चलती जा रही हूँ मैं ,
कभी छाँव कभी धूप से गुजर कर ,
कांटो को फूल बना रही हूँ मैं,
हर गम...