मोहमाया
वाह रे राजा क्या करामात तरी;
बोलू कुच तो नींद हराम मेरी,
करना मत इतनी तू धोखाधरी
जनता ना हैं रे गुलाम तेरी......
सच का राही जो रुखवत तेरी;
बोलू कुच तो सजा - ए - मौत हैं मेरी,
यू झूट का मुखडा औढ
क्या झिंदा रहेंगी सासे तेरी.........
मोह की प्यास क्यू बुझे ना तेरी;
आवाज तुझ तक क्यू पोहचे ना मेरी,
संभल रे पग्ले धन की नैया
ले ना दुबे सास तेरी.....
-: Sejal
बोलू कुच तो नींद हराम मेरी,
करना मत इतनी तू धोखाधरी
जनता ना हैं रे गुलाम तेरी......
सच का राही जो रुखवत तेरी;
बोलू कुच तो सजा - ए - मौत हैं मेरी,
यू झूट का मुखडा औढ
क्या झिंदा रहेंगी सासे तेरी.........
मोह की प्यास क्यू बुझे ना तेरी;
आवाज तुझ तक क्यू पोहचे ना मेरी,
संभल रे पग्ले धन की नैया
ले ना दुबे सास तेरी.....
-: Sejal