दर्दे दिल
40 प्लस होते ही,
यह काया बन गई है,
दर्द का पुलिंदा।
अभी तो जीवन
ठीक से जिया भी नहीं,
शरीर की नस-नस में,
दर्द इस तरह से घिर आया है,
कि जाने का नाम ही नहीं लेता।
शायद,
मेरे जैसे अनेक लोगों का...
यह काया बन गई है,
दर्द का पुलिंदा।
अभी तो जीवन
ठीक से जिया भी नहीं,
शरीर की नस-नस में,
दर्द इस तरह से घिर आया है,
कि जाने का नाम ही नहीं लेता।
शायद,
मेरे जैसे अनेक लोगों का...