इश्क से बाहर आना ।
इश्क से बाहर आना ।
कैसे ब़या करे
कितना मुश्किल है इश्क से बाहर आना ,
कैसे ब़या करे
कितना मुश्किल है इस जि़द्दी दिल को समझाना ।
इश्क का नशा शायद सबसे नशीला होता हैं ,
जाम तक की ज़रूरत नहीं हैं इसमें
क्योकि आँखो से आँसू जब छलकते है
तो बरसते हुए आसमान में भी उन धुंधली यादों के वो कुछ फव्वारें ज़रूर...
कैसे ब़या करे
कितना मुश्किल है इश्क से बाहर आना ,
कैसे ब़या करे
कितना मुश्किल है इस जि़द्दी दिल को समझाना ।
इश्क का नशा शायद सबसे नशीला होता हैं ,
जाम तक की ज़रूरत नहीं हैं इसमें
क्योकि आँखो से आँसू जब छलकते है
तो बरसते हुए आसमान में भी उन धुंधली यादों के वो कुछ फव्वारें ज़रूर...