हयातनामा
इक हाथ छूटा
इक हाथ पकड़ा
है #ज़ीस्त वो #शय
हर #भरम जिसने तोड़ा
किस #मंज़िल का राही
किस रास्ते चला
#मुकाम हो हासिल
कहीं न जाए छला
#इत्तिला है उसे
कोई भरम नहीं
हर तरफ #हयात
पर किसी तरफ़ नहीं
© anamika
इक हाथ पकड़ा
है #ज़ीस्त वो #शय
हर #भरम जिसने तोड़ा
किस #मंज़िल का राही
किस रास्ते चला
#मुकाम हो हासिल
कहीं न जाए छला
#इत्तिला है उसे
कोई भरम नहीं
हर तरफ #हयात
पर किसी तरफ़ नहीं
© anamika