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ऊधौ श्याम बिन कौन रंगे मेरी चोली,
#ColoursOfEmotion
गोपियाँ कृष्ण के विरह में व्याकुल हैं ऊधौ
कृष्ण का संदेश लेकर आये तो गोपियाँ ये
कह रहीं हैं कि हम निराकार ब्रह्म को नहीं
जानती हमें तो साकार कन्हैया चाहिए
होली का त्यौहार है वही मेरे साथ रंग खेलने
आये-----------------

ऊधौ श्याम बिन कौन रंगे मेरी चोली,
मारे पिचकारी रंग दे चोली कान्हा खेले होली,
गोपिन संग करे बरजोरी बोलै तोतली बोली,
संग में ग्वाले नंदलाला के लगे सुरतिया भोली,
रंग अमीर गुलाल से वो वृन्दावन में खेलै होली,
ऊधौ श्याम बिन कौन रंगे मेरी चोली,