ना जाने क्यों।
डर लगता है यकीन करने में,
दिल सब कुछ जानते हुए भी ना जाने क्यों
घबराया - घबराया सा रहता है ।
बैचेन मन ना जाने क्यों,सुकून खोजने की
चाह में रहता है।
अपना मान के भी अपनाने में ,ना जाने क्यों
हिचक सा होता रहता है।
दिल...
दिल सब कुछ जानते हुए भी ना जाने क्यों
घबराया - घबराया सा रहता है ।
बैचेन मन ना जाने क्यों,सुकून खोजने की
चाह में रहता है।
अपना मान के भी अपनाने में ,ना जाने क्यों
हिचक सा होता रहता है।
दिल...