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मन की गाथा मन के भीतर
मेरी अपनी प्रेम कहानी,
मेरी अखियां तेरी दीवानी।।
रूह का संगम सिर्फ तुमसे,
तुम मेरे होठों की रवानी।।
मेरे मन की गाथा मन के भीतर।।
मेरे अश्कों की कहानी हो तुम,
मेरी हर सांसों की सैलानी हो तुम।।
मेरी नजर की नजर सिर्फ तुमसे,
मेरे एहसासो की मेहरबानी हो तुम।।
मेरे मन की गाथा मन के भीतर।।
मन का सावन रूह की बहार हो तुम,
मेरे आत्मचित की इकलौती सरकार हो तुम।।
मनोज के बगीचे का पुष्प सदबहार हो तुम,
चुप रहूं या तुमसे कहूं मेरा पहला और आखरी प्यार हो तुम।।
मन की गाथा मन के भीतर ।।
© Manoj Vinod-SuthaR
मेरी अखियां तेरी दीवानी।।
रूह का संगम सिर्फ तुमसे,
तुम मेरे होठों की रवानी।।
मेरे मन की गाथा मन के भीतर।।
मेरे अश्कों की कहानी हो तुम,
मेरी हर सांसों की सैलानी हो तुम।।
मेरी नजर की नजर सिर्फ तुमसे,
मेरे एहसासो की मेहरबानी हो तुम।।
मेरे मन की गाथा मन के भीतर।।
मन का सावन रूह की बहार हो तुम,
मेरे आत्मचित की इकलौती सरकार हो तुम।।
मनोज के बगीचे का पुष्प सदबहार हो तुम,
चुप रहूं या तुमसे कहूं मेरा पहला और आखरी प्यार हो तुम।।
मन की गाथा मन के भीतर ।।
© Manoj Vinod-SuthaR
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