घर में कोई आस
नहीं कोई अब आस है घर में
कि जब से गए तुम जान ले जाने वाले l
हर पल हो आते क्यों तुम फिर
जब गए हो सब जहां न ले जाने वाले ll
अब और भला क्या ही कह जाऊँ मैं
तुम जो जहां न हो हो जाओ lll
कि जब से गए तुम जान ले जाने वाले l
हर पल हो आते क्यों तुम फिर
जब गए हो सब जहां न ले जाने वाले ll
अब और भला क्या ही कह जाऊँ मैं
तुम जो जहां न हो हो जाओ lll
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