...

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मातृभाषा हिंदी
क्षितिज तक जो गूंज उठे वह भाषा हमारी है,
हिंदी हमारी मातृभाषा यह सबसे प्यारी है।
ऋषि मुनि के ज्ञान से संस्कृति यह हमारी है,
हिंदी हमारी मातृभाषा यह सबसे प्यारी है।
हर पल हमें प्रेरित करती यह भाषा एक हमारी है,
हिंदी हमारी मातृभाषा यह सबसे प्यारी है।
संस्कृति को नाम बदल यह एक बलिदान है,
रानी लक्ष्मी बाई भगत सिंह अपने प्राण त्याग इस संस्कृति को बचाएं,
हिंदी हमारी मातृभाषा यह एक शूरवीर का त्याग है।
इस दुनिया में ना हिंदी तुम्हें ना तुम हिंदी को भूल पाओगे,
विदेशी भाषा बोलकर भी मातृभाषा ना भूल पाओगे,
हिंदी हमारी मातृभाषा यह ना भूल पाओगे।
© Pradeepti Patel