{स्वदेश}
अधरों से निकले अमूर्त वचन तुम पढ़ लेते,
नयनों से निकले शब्द अगर तुम गढ़ लेते
दृष्टि के अनुरोध कथन तुम कह देते,
सृष्टि के सारे विरोध...
नयनों से निकले शब्द अगर तुम गढ़ लेते
दृष्टि के अनुरोध कथन तुम कह देते,
सृष्टि के सारे विरोध...