हसी
वो हसीं, ना भुले पाएंगे कभी,
की जब वो खिल खिला के हस देती है, जाने मेरा सारा जहान खिल उठा है, उस हसी की तरह।
जब वो हस देती है, और अपने बाल हथेली से कान के पीछे करती है, की ये...
की जब वो खिल खिला के हस देती है, जाने मेरा सारा जहान खिल उठा है, उस हसी की तरह।
जब वो हस देती है, और अपने बाल हथेली से कान के पीछे करती है, की ये...