...

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चंदा मामा की राखी
मैया मोरी अब नहीं चंदा - मामा दूर
अब तो उनको भेज दो लड्डू मोतीचूर।
(मैया का जवाब)
हैं चन्दा - मामा तेरे, घर उनके हो आना
लड्डू और मिठाई के संग राखी भी दे आना।।
पिछली बार जो भेजा मैने पहुंच ना पाई राखी
छमा मांगना तुम मामा से हो गई चूक जरा सी
पिछली बार डाकिया विक्रम भटका अपनी राह
राखी चाँद पे पहुँच न पाया निकली मुंह से आह
कुछ मशीनरी की गलती थी भाग्य का भी कुछ दोष
तब से अब तक मांँ मेरी है रही भाग्य को कोस
तब जो गलती हुई,दिया इसरो ने उसे सुधार
पहुँचाया है यान सुरक्षित चाँद पे अबकी बार
चाँद भी अबकी बार बांधकर राखी कुछ इतराए
और खुशी से झूम झूमकर गीत खुशी के गाए
"भारत माता ने चन्दा मामा को राखी भेजा है
भाई बहन के प्रेम का साखी भेजा है"
✍️ कौशल किशोर सिंह(kaushal )
© Kaushal