#maykhane
#मयखाने
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
यूं ही तिरछी नज़रों से देखना उन्हें
शायद इसी तरह के ख्वाब hi dikhane हैं ,
...
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
यूं ही तिरछी नज़रों से देखना उन्हें
शायद इसी तरह के ख्वाब hi dikhane हैं ,
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