हर शाम
हर शाम ढलते......निशा की घटाओं में
रोज कतरा कतरा बिखर जाती हूँ,
दिन की पहनी हुई झूठी हंसी का
मुखौटा हर रात उतारती हूँ
कुछ इस तरह मैं.....
खुद को तन्हा पाती हूँ !!!!!
-स्वाति❤
#swatiwrites
#writcopoems
#writco
#selflove
#important
© behke_alfaaz💕
रोज कतरा कतरा बिखर जाती हूँ,
दिन की पहनी हुई झूठी हंसी का
मुखौटा हर रात उतारती हूँ
कुछ इस तरह मैं.....
खुद को तन्हा पाती हूँ !!!!!
-स्वाति❤
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