...

50 views

बेवफाओं को जालिम की जरूरत है।
वो बेवफ़ा है फिर भी उसे वफाएं मिल रही है,
उस खुदा ने उसे हुस्न ही इतना दिया है।
जो नादान है उनसे इतनी नफरत कैसी,
ना ही दौलत दी ना नूर ही इतना दिया है।
कह दो खुदा से रहमत बरसा ले हुस्नवालों पर,
गर बेवफ़ा है तो मै उसे मारने निकला हूं।
जो सितम के मारे है उनकी नवाजिश करके,
इस बिखरी दुनिया को मै संवारने निकला हूं।
मै शैतान हूं तुम बेशक मुझे दोजख दे देना।
पर तेरी दुनिया को एक जालिम की जरुरत है।
जिन्होंने हुस्न और दौलत को जागीर समझ रखा है,
उन्हें अकेलेपन से लिपटी तालीम की जरूरत है।