मेरे होने न होने से...
लानत है मुझे
अपनी कमजोर कलम,
बेअसर कविताओं पर।
न जाने कितने वर्ष
मैंने लूटा दियें।
पर क्या मिला मुझे???
थोड़े सांस खरीद,
किसी को दे सकूं
इस लायक भी नहीं मैं।
मेरी...
अपनी कमजोर कलम,
बेअसर कविताओं पर।
न जाने कितने वर्ष
मैंने लूटा दियें।
पर क्या मिला मुझे???
थोड़े सांस खरीद,
किसी को दे सकूं
इस लायक भी नहीं मैं।
मेरी...