थी तो मुझसे अनजान वो!!
नज़रें झुकी थीं उसकी,
और हाथों में रुमाल था।
आंखों से बहता उसका काजल,
बता रहा उसका हाल था।
थी तो मुझसे अनजान वो,
पर मन में आया बस एक ख्याल था।
की ले लूं उसका रुमाल वो,
और मिटा दूं उसका गम,
जो उसे अभी फ़िलहाल था।
© Neha Bharti
और हाथों में रुमाल था।
आंखों से बहता उसका काजल,
बता रहा उसका हाल था।
थी तो मुझसे अनजान वो,
पर मन में आया बस एक ख्याल था।
की ले लूं उसका रुमाल वो,
और मिटा दूं उसका गम,
जो उसे अभी फ़िलहाल था।
© Neha Bharti