...

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जमीर बेचकर आया हूं
जान ले ले मुझ मुर्दे की
इतना दम कहां है तेरे जहर में

जमीर बेचकर आया हूं अभी अभी
मुझसे बड़ा रहीश कौन तेरे शहर में

जिसमे तेरा जमाना चल इतराता है
चलने लगा हूं मैं भी उस लहर में

इक उम्र तो बड़ी दूर की बात रोना मेरा
आंसू नही बहाऊंगा अब दो पहर मैं

दलीलें अब सुनी जायेगी देखना " दीप" की
हिसाब सबका होगा जितनी बीती है कहर में

जमीर बेचकर आया हूं अभी अभी
मुझसे बड़ा रहीश कौन तेरे शहर में




© शायर मिजाज