पिता है प्रेम वृक्ष
पिता बेटी का तो रिश्ता है गहरा,
ये सिर्फ प्रेम से भरा,
इस जोड़ी से पावन ये धरा,
पिता वृक्ष की तरह रहता खड़ा,
हमेशा सुखदाई लगे इसकी छाया,
कितना सुन्दर ये रिश्ता पाया,
हमेशा सिर पर रहें पिता का साया.....
पिता प्रेम दिखाता नहीं,
करता हैं,
कभी वो बहुत कठोर लगता है,
लेकिन...
ये सिर्फ प्रेम से भरा,
इस जोड़ी से पावन ये धरा,
पिता वृक्ष की तरह रहता खड़ा,
हमेशा सुखदाई लगे इसकी छाया,
कितना सुन्दर ये रिश्ता पाया,
हमेशा सिर पर रहें पिता का साया.....
पिता प्रेम दिखाता नहीं,
करता हैं,
कभी वो बहुत कठोर लगता है,
लेकिन...