...

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निखर जाएगा समझौता कर ले,
#बिखर
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,
झुककर ही तो मिलते है सहारे।

कठोरता लाती है विपत्ति,
नम्रता खींच लेती है सौभाग्य;
अहंकार तोड़ कर ले समझदारी,
वरना टूट जायेगी जीवन की डोरी

समुद्र भी मिलकर बहते महासागर में,
नदियाँ भी मिलकर बनती हैं विशाल;
मिलकर ही बनते हैं मजबूत ताल,
अकेले तो टूट जाता है हर बाल।

फूलों की सुगंध मिलकर ही फैलती
दीपों की रोशनी मिलकर ही जगमगाती
मिलकर ही बनता है जीवन सुंदर,
अकेले तो हर खुशी अधूरी रह जाती है।

इसलिए समझौता कर ले दोस्त,
बिखरने से बेहतर है झुकना;
नम्रता से मिल जाएगा हर मंजिल,
अहंकार तोड़कर ही जीवन जीना।
© ऋत्विजा