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ये लिखावट...
ये लिखावट हमें सुकून दे जाती है
पल दो पल की खुशी दे जाती है
माना हमें लिखना नहीं आता
कवियों जैसा बात करना नहीं आता
मगर चोटों पर मरहम लगा जाती है
ये लिखावट हमें सुकून दे जाती है
जब-जब खुद को अकेला पाया
साथ हरपल-हरदम इसका भाया
दोस्त जैसी मन ये बहलाती है
ये लिखावट हमें सुकून दे जाती है
© Bhawna kumari
पल दो पल की खुशी दे जाती है
माना हमें लिखना नहीं आता
कवियों जैसा बात करना नहीं आता
मगर चोटों पर मरहम लगा जाती है
ये लिखावट हमें सुकून दे जाती है
जब-जब खुद को अकेला पाया
साथ हरपल-हरदम इसका भाया
दोस्त जैसी मन ये बहलाती है
ये लिखावट हमें सुकून दे जाती है
© Bhawna kumari
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