...

8 views

पूरक
मैं उसका पूरक बादल सा
वो मेरी पूरक पानी सी,

मैं उससे हूँ जुड़ा हुआ सा
वो मुझसे है जुड़ी हुई सी,

मैं उसका पूरक गुलशन सा
वो मेरी पूरक फूलों सी,

मैं जब रहता रातों सा
वो रहती है चंदा सी,

मैं उसका पूरक पन्नों सा
वो मेरी पूरक पुस्तक सी,

मैं जब रहता सूरज सा
वो रहती है किरणों सी,

मैं उसका पूरक वायु सा
वो मेरी पूरक सांसों सी,

मैं रंग पा गया कान्हा सा
वो रंग पा गयी राधा सी,

मैं उससे हूँ जुड़ा हुआ सा
वो मुझसे है जुड़ी हुई सी I

© सोमनाथ यादव