...

7 views

दास्तान-ए-इश्क़
आंसू ना रुकेंगे सुनके दास्तान-ए-इश्क़,
वो तन्हाइयों की शाम हमने कैसे गुज़ारी।
एक अजनबी की बाहों में वो झूमती रही,
जो सरेआम के कहती थी मोहब्बत है हमारी।

वो बस कह ही देते धोखा था ये मेरी...