ऐ इश्क़ करने वाले...!
ऐ इश्क़ करने वाले, बड़े जुर्म करते हो तुम
हमे हमही से छीनकर पूछते हो, "और किसपे मरते हो तुम?!"
तुम तो लगता है बड़े शरीफ़ हो!
सबको कहते हो की बस हम से ही मोहोब्बत करते हो तुम...
हमे प्यास तुम्हारी झलक की, और तुम्हे भूख जिस्म की रहती है
इसलिए तो रोज तुम्हारी बिस्तर सजी...
हमे हमही से छीनकर पूछते हो, "और किसपे मरते हो तुम?!"
तुम तो लगता है बड़े शरीफ़ हो!
सबको कहते हो की बस हम से ही मोहोब्बत करते हो तुम...
हमे प्यास तुम्हारी झलक की, और तुम्हे भूख जिस्म की रहती है
इसलिए तो रोज तुम्हारी बिस्तर सजी...