""""तुम ओ दिया हो """
तुम ओ चिराग हो
....जो कितने भी बडे
अंधेरे को उजाले मे बदल
सकते हो .....
कीसिके पुरे घर को ....
तुम अपनी
रोशनी से नयी आशा
दे सकते हो....
पर चिराग तभी
अच्छा लगता है...
....जो कितने भी बडे
अंधेरे को उजाले मे बदल
सकते हो .....
कीसिके पुरे घर को ....
तुम अपनी
रोशनी से नयी आशा
दे सकते हो....
पर चिराग तभी
अच्छा लगता है...