...

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""""तुम ओ दिया हो """
तुम ओ चिराग हो
....जो कितने भी बडे
अंधेरे को उजाले मे बदल
सकते हो .....
कीसिके पुरे घर को ....
तुम अपनी
रोशनी से नयी आशा
दे सकते हो....
पर चिराग तभी
अच्छा लगता है ...
जब वो
उजाला दे दे
पर यही चिराग अगर
गलती से कीसी चीज को
लगे तो
पूरा घर जलाने की
ताकत रखता है ....
यही याद रखना चाहीए
की इतनासा चिराग चाहे
तो कीसी के जीवन को
अपने उजाले से आबाद कर
सकता है ...और गलती से
बरबाद भी कर सकता है ....✍️
आशा ...✍️✍️