...

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हमसफर 💗
मर भी जाओ तो आलम नही रहे गा |
मेरे मेहबूब से शिकवा करू तो करू कैसे।
किस कदर बेखबर रहे यादों के सिलसिले
हम रहे गे पर हमसफर नही रहे गा|
मर भी जाओ तो आलम नही रहे गा|
यू मैं हस्ता रहता हू बेवजह ही।
अगर वो मिल जाए तो रोना भी रहे गा|
एहसास जिस्मों से कहा...