...

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Dream
सुनो तुम...
एक सपना देखा हैं मैंने भी
आखिर सपने देखना भी तो
तुमने ही सिखाया...
कहो ना !...
तुम मुकम्मल करोगे ना ?
मेरे इस सपने को ..!
मैं छूना नहीं चाहती तुम्हें....
बस हवाओं की हर पुरवाई में
महसूस करना चाहती हूँ
बेहद करीब से...
तुम्हारे सुवास में
अपने अहसास को
ख़ुदा की इबादत की तरह
बोलो ना !!
आओगे ना तुम मुझसे मिलने...!!