मैं
#YearEndEc तेरे जज़्बात को मैं कह ना सकूं मगर
दिल की पनाहों में मिलों तुम शायद
लबों पे खामोशी क्यों तुम...
दिल की पनाहों में मिलों तुम शायद
लबों पे खामोशी क्यों तुम...