एक सुबह ...
वसुंधरा ने है बिछाई
एक हरित सी चादर
नटखट रवी की किरणें
इनपर है उतर रही ।
कभी पसर सी जाती है
इन पर
कभी धमा-चौकड़ी है
कर रही ।।
कभी खेत के...
एक हरित सी चादर
नटखट रवी की किरणें
इनपर है उतर रही ।
कभी पसर सी जाती है
इन पर
कभी धमा-चौकड़ी है
कर रही ।।
कभी खेत के...