एक सुबह ...
वसुंधरा ने है बिछाई
एक हरित सी चादर
नटखट रवी की किरणें
इनपर है उतर रही ।
कभी पसर सी जाती है
इन पर
कभी धमा-चौकड़ी है
कर रही ।।
कभी खेत के पानी में
है उतर रहीं
कभी पेड़ो पर चढ़
ठुमक रहीं।
कभी करे शरारतें हवा से
कभी बादलों से आंख-मिचौली
है चल रही
इस तरह है एक नई सुबह
धरा पर उतर रही ।।
स्वरचित © ओम'साई' १४.०८.२०२१
Image : My Pic...
#Hindi #hindiquotes #hindipoem #inspiration #nature #naturallife
© aum 'sai'
एक हरित सी चादर
नटखट रवी की किरणें
इनपर है उतर रही ।
कभी पसर सी जाती है
इन पर
कभी धमा-चौकड़ी है
कर रही ।।
कभी खेत के पानी में
है उतर रहीं
कभी पेड़ो पर चढ़
ठुमक रहीं।
कभी करे शरारतें हवा से
कभी बादलों से आंख-मिचौली
है चल रही
इस तरह है एक नई सुबह
धरा पर उतर रही ।।
स्वरचित © ओम'साई' १४.०८.२०२१
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© aum 'sai'