मेरी ग़जल तुमसे...
गुनगुनाता रहा जिसे मैं, वो गजल तुमसे...
खफा खफा है सा ये मन, आजकल तुमसे...
बात हैरत की क्या है, जो तुम यूं बदल से गए...
जिंदगी के जुड़े हुए है, बहुत पल तुमसे...
मैं तो टूटा हुआ सा लफ्ज़ हूं, इक शायर का...
जुड़ा हुआ है आज देखो, हर शहर तुमसे...
बेरुखी की हो अगर बात,...
खफा खफा है सा ये मन, आजकल तुमसे...
बात हैरत की क्या है, जो तुम यूं बदल से गए...
जिंदगी के जुड़े हुए है, बहुत पल तुमसे...
मैं तो टूटा हुआ सा लफ्ज़ हूं, इक शायर का...
जुड़ा हुआ है आज देखो, हर शहर तुमसे...
बेरुखी की हो अगर बात,...