केसे
अब मे गीत गज़ल या फिर कोई कविता नहीं लिखता ,
हा अब में तेरे बारे मे कुछ नहीं लिखता,,
तेरे जिक्र भर से तमाम ज़ख्म...
हा अब में तेरे बारे मे कुछ नहीं लिखता,,
तेरे जिक्र भर से तमाम ज़ख्म...