...

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पंडित और पण्डिताइन का प्यार 😘
चल न आज इश्क़ की गली में
फिर से कदम रखते हैं 😘

फिर वही शरारत, अल्हड़पन में
प्यार की बरसात करते हैं 😘

तुम फिर से अपनी जुल्फों से
महकाना हवाओं को..
हम बसंत की सौगात लेकर आएंगे 💏

तुम फिर से आख़ियो में काजल लगाना,
हम रिमंज़िम बारिश करवाएंगे.. 💏

झूमकर तुम इस बारिश में प्रेम का गीत गुनगुनाना..
हम झूमते हुए आकर आपको
आग़ोश में भर लेंगे 💏

चल न आज इश्क़ की गली में
फिर से कदम रखते हैं 😘
© उन्मुक्क्त अनूप