चोट देखकर मेरे तन पर
मेरी हर गलती पर वो मुझको टोक लगाती है
मेरे कहने से पहले मेरी हर मुश्किल सुलझाती है
चोट देखकर मेरे तन पर मां मेरी रोती है मुरझाती है
वैसे तो है उसको काम हजारों करने को
पर सबसे आगे वो मुझको लाती है
सोती नही खुद तो रात—रात भर
पर मुझको लोरी गाके सुलाती है
चोट देखकर मेरे तन...
मेरे कहने से पहले मेरी हर मुश्किल सुलझाती है
चोट देखकर मेरे तन पर मां मेरी रोती है मुरझाती है
वैसे तो है उसको काम हजारों करने को
पर सबसे आगे वो मुझको लाती है
सोती नही खुद तो रात—रात भर
पर मुझको लोरी गाके सुलाती है
चोट देखकर मेरे तन...