पराए दर्द
दर्द अपनाता है पराए कौन
कौन सुनता है और सुनाऐ कौन
कौन दूहराऐ फिर वही बातें
ग़म अभी सोया हैं जगाऐ कौन
अब सुकु है तो...
कौन सुनता है और सुनाऐ कौन
कौन दूहराऐ फिर वही बातें
ग़म अभी सोया हैं जगाऐ कौन
अब सुकु है तो...