...

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ना जाने अभी क्या-क्या बाकी है....
दिल पर तेरे नाम की मेहंदी न जाने कितने जन्मों से है,
बस हाथ पर लगनी बाकी है।
इस तमन्ना को लिए न जाने कितने जनम और सफर करेंगे,
न जाने कितनी लम्बी जुदाई अभी बाकी है।
तेरी याद में कटे दिन और रात तो सब बाराती हैं,
तेरा मेरा मिलन होना तो अभी बाकी है।
मैं फिर भी उठ कर संभली हूँ ठोकर जुदाई की खाने के बाद,
तेरा संभालना अभी बाकी है।
तेरी और मुझे ही आना होगा फासले मिटाकर,
तेरी और से फासले मिटना अभी बाकी है।
हम दोनों जुदा होकर भी जुदा नहीं हैं जानते हैं मगर,
दिल को समझाना अभी बाकी है।
#Love&love #Shayari #MissingYou
© Haniya kaur