टूटा हुआ इंसान
इस क़दर निर्भर रहा मैं दूसरों पर उम्रभर
अपनी मंज़िल का सफर तय करना नहीं आया
जितने भी फैसले लिए, दखल औरों का रहा
अपने दम पर फैसला एक करना नहीं आया
कोई कठपुतली...
अपनी मंज़िल का सफर तय करना नहीं आया
जितने भी फैसले लिए, दखल औरों का रहा
अपने दम पर फैसला एक करना नहीं आया
कोई कठपुतली...