...

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बया करते कागज
पूछते है बाद मै बताओ
क्या हुआ था फिर

कागज बता रहा था
कलमो के फलसफा
खेतो में चल रही थी
सिफ्टो कि पारिया
जाङे को मात दे रहे
खेतो के मरहबा
परेशा है फिर भी तो
चलो मुस्कुरा रहे
गम को छुपाना था तो
चलो हम छुपा रहे
राहे अदम तक जाते जाते
सीख जाएगे
रब को जो सुनाना है
तमाम उम्र के फलसफा
चाहे दिलो पे याद रहू
या ना रहू बेसक
कागज पे छोङ दूगा मै
जीवन के फलसफा,,


© Satyam Dubey