बया करते कागज
पूछते है बाद मै बताओ
क्या हुआ था फिर
कागज बता रहा था
कलमो के फलसफा
खेतो में चल रही थी
सिफ्टो कि पारिया
जाङे को मात दे रहे
खेतो के मरहबा
परेशा है फिर भी तो
चलो मुस्कुरा रहे
गम को छुपाना था तो
चलो हम छुपा रहे
राहे अदम तक जाते जाते
सीख जाएगे
रब को जो सुनाना है
तमाम उम्र के फलसफा
चाहे दिलो पे याद रहू
या ना रहू बेसक
कागज पे छोङ दूगा मै
जीवन के फलसफा,,
© Satyam Dubey
क्या हुआ था फिर
कागज बता रहा था
कलमो के फलसफा
खेतो में चल रही थी
सिफ्टो कि पारिया
जाङे को मात दे रहे
खेतो के मरहबा
परेशा है फिर भी तो
चलो मुस्कुरा रहे
गम को छुपाना था तो
चलो हम छुपा रहे
राहे अदम तक जाते जाते
सीख जाएगे
रब को जो सुनाना है
तमाम उम्र के फलसफा
चाहे दिलो पे याद रहू
या ना रहू बेसक
कागज पे छोङ दूगा मै
जीवन के फलसफा,,
© Satyam Dubey