विपदा
कौन सुने विपदा मन की,
दर्द दबा है, गहरी छनकी।
दिल के कोने सहमे-सहमे,
कोई सुने न इसे कहने की।
सूनी राहों में चलूँ अकेला,
साथ न दे कोई परछाई।
भीतर उठे उदासी का सागर,
चुपचाप बहती दर्द की नदियाँ आई।
कभी...
दर्द दबा है, गहरी छनकी।
दिल के कोने सहमे-सहमे,
कोई सुने न इसे कहने की।
सूनी राहों में चलूँ अकेला,
साथ न दे कोई परछाई।
भीतर उठे उदासी का सागर,
चुपचाप बहती दर्द की नदियाँ आई।
कभी...