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समय और परिस्थिति
मैं
जिंदा
हूं
या
मृत
हूं
मुझको
पता
हीं
नहीं
अगर
जिंदा
हूं
तो
जिंदा
लाश
हूं
बस
सांसों
की
डोर
चल
रहीं
है
और
मृत
हूं
तो
चेतना
भाव
अभिव्यक्ति
अनुभव
अनुभूति
सब
मर
गया है
परिस्थिति
ने
कुछ
ऐसा
कर
दिया
समय
और
परिस्थिति
बहुत
हीं
बलवान
है
इनके
आगे
सब
बौना है
© Sudhirkumarpannalal Pratibha
जिंदा
हूं
या
मृत
हूं
मुझको
पता
हीं
नहीं
अगर
जिंदा
हूं
तो
जिंदा
लाश
हूं
बस
सांसों
की
डोर
चल
रहीं
है
और
मृत
हूं
तो
चेतना
भाव
अभिव्यक्ति
अनुभव
अनुभूति
सब
मर
गया है
परिस्थिति
ने
कुछ
ऐसा
कर
दिया
समय
और
परिस्थिति
बहुत
हीं
बलवान
है
इनके
आगे
सब
बौना है
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