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नारी : विश्व का गर्व
कंधे से कंधा मिलाकर चलती शक्ति का सादृश्य रूप है
विश्व की महिलाएं आज स्वयं विश्व को, प्रेरणा स्वरूप है…
हो कामकाजी चाहे हो ग्रहणी, हर एक महिला विशेष है
सामाजिक संरचना में देखो तो, सबका स्थान विशेष है…
आज कार्यक्षेत्र कोई भी हो हर क्षेत्र में महिला सिरमौर हैं
अंतरिक्ष तक को विजयी किया, आकांक्षाएं अभी और हैं…
लक्ष्मीबाई, द्रौपदी मुर्मू , बात करूं किस किस नाम की
जाने कितने नाम हैं जो प्रतीक हैं महिला की शान की…
विश्व ने नतमस्तक होकर महिलाओं का लोहा माना है
अपने यत्न, प्रयत्नों से नारी ने, पाया वही जो ठाना है…
विश्व भर में जहां जहां पर भी महिलाओं का सम्मान है
सही मायनों में वहां वहां पर देखें, प्रगति और उत्थान है…
"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" ये विश्व को ही अनुकरणीय है
भारत वर्ष की संस्कृति में, महिलाएं सदैव ही पूज्यनीय है…
"महिला दिवस" एक दिन का नहीं सम्पूर्ण वर्ष का पर्व है
महिलाओं पर भारत ही नहीं वरन समूचे विश्व को गर्व है..
© Naveen Saraswat