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जिनमें एहसास नहीं होते...
#MyRoom
अपने एहसास से छू कर मुझे चन्दन कर दो
में सदियों से अधूरा हूँ मुझे मुकम्मल कर दो
न तुम्हें होश रहे और न मुझे होश रहे
इस क़दर टूट के चाहो मुझे दीवाना कर दो
अपने ग़म से कहो हर वक़्त मेरे साथ रहे
एक एहसान करो उस को मुसलसल कर दो
मुझ पे छा जाओ किसी आग की सूरत में
और मेरी ज़ात को सूखा हुआ जंगल कर दो
उसके साये में मेरे ख्वाब धड़क उठेंगें
मेरे चेहरे पे चमकता हुआ आँचल कर दो...
© राइटर.Mr malik Ji....✍
अपने एहसास से छू कर मुझे चन्दन कर दो
में सदियों से अधूरा हूँ मुझे मुकम्मल कर दो
न तुम्हें होश रहे और न मुझे होश रहे
इस क़दर टूट के चाहो मुझे दीवाना कर दो
अपने ग़म से कहो हर वक़्त मेरे साथ रहे
एक एहसान करो उस को मुसलसल कर दो
मुझ पे छा जाओ किसी आग की सूरत में
और मेरी ज़ात को सूखा हुआ जंगल कर दो
उसके साये में मेरे ख्वाब धड़क उठेंगें
मेरे चेहरे पे चमकता हुआ आँचल कर दो...
© राइटर.Mr malik Ji....✍
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