...

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inspiration
कल थे बिखरे,
किसी दिन संवर जायेंगे,
रास्ता भटके परिंदे भी,
घर को लौट आएंगे,
उठते हैं जो हाथ आज तमाचा मारने,
एक दिन इन्ही हाथों से ये तालियां बजाएंगे,
जैसे जैसे बदलेगा वक्त हमारा,
यहां सब बदल जायेंगे।।




© प्रिंशु तिवारी