...

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सत्य की राह पर चल सपने साकार कर
राहों से जोड़ ले रिश्ता कोई
यूँ ही नहीं मिलती है मंजिल यहाँ
चलते रहना सदा, है मुसाफिर तू ही
संघर्ष बिन ना होता कुछ अर्जित यहाँ

बेड़ियां वो बनी नहीं, बाँध सके जो हौसला
साहस की कश्ती में बैठ ये नद पार कर
जो रोक सके तुझे पर्वतों में दम नहीं
सत्य की राह पर चल सपने साकार कर

जीत कर यह रण कठिन, बन एक मिसाल तू
आसमां की पुकार सुन, हर क्षितिज को पार कर
सूर्य, चन्द्र की तरह कर रौशन आकाश तू
सत्य की राह पर चल सपने साकार कर

© Anirya